रुद्राक्ष माला

रुद्राक्ष माला हिन्दू धर्म में अत्यंत पवित्र और महत्वपूर्ण धार्मिक वस्तु है। यह माला रुद्राक्ष वृक्ष के बीजों से बनाई जाती है, जिसे भगवान शिव का प्रतीक माना जाता है। रुद्राक्ष का शाब्दिक अर्थ है — “रुद्र” अर्थात् भगवान शिव और “अक्ष” अर्थात् आंख या बीज। इस प्रकार रुद्राक्ष का अर्थ होता है ‘शिव की आंख’ या ‘शिव का बीज’।
रुद्राक्ष माला का महत्व:
आध्यात्मिक महत्व:
रुद्राक्ष माला पहनने से wearer के मन में शांति, संतुलन और ध्यान की शक्ति बढ़ती है। यह आध्यात्मिक ऊर्जा का स्रोत होती है और ध्यान साधना में सहायता करती है।शारीरिक और मानसिक लाभ:
इसे पहनने से तनाव कम होता है, मन शांत रहता है और स्वास्थ्य लाभ भी होते हैं। आयुर्वेद के अनुसार, रुद्राक्ष माला पहनने से रक्त संचार बेहतर होता है और हृदय रोगों का खतरा कम होता है।रूप और संरचना:
रुद्राक्ष के प्रत्येक बीज की सतह पर छोटी-छोटी खांचें (मुखी) होती हैं। मुखियों की संख्या 1 से लेकर 21 या उससे अधिक भी हो सकती है। प्रत्येक मुखी की संख्या के अनुसार रुद्राक्ष के अलग-अलग आध्यात्मिक और स्वास्थ्य लाभ बताए जाते हैं।माला की संख्या:
पारंपरिक रुद्राक्ष माला में 108 रुद्राक्ष के दाने होते हैं, जो मंत्र जप और ध्यान के लिए उपयोग किए जाते हैं। इसके साथ एक ‘बंधु’ दाना भी होता है, जो माला की समाप्ति का प्रतीक होता है।धार्मिक महत्व:
भगवान शिव के भक्त रुद्राक्ष माला का उपयोग पूजा, जप, और ध्यान के दौरान करते हैं। इसे पहनना शिव की कृपा पाने और बुरे प्रभावों से सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है।
रुद्राक्ष माला की देखभाल:
रुद्राक्ष माला को स्वच्छ रखें और नियमित तेल (जैसे चंदन या तिल का तेल) से अभिषेक करें।
इसे अशुद्ध स्थानों पर न रखें और न भूलें कि इसे पूजा और सम्मान के साथ ही प्रयोग करना चाहिए।
माला को पहनने से पहले शरीर और माला की शुद्धि करें।
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